लोकमान्य तिलक का जीवन परिचय – Bal Gangadhar Tilak Biography in Hindi
इस नारे ने राष्ट्रीय आंदोलन के वक्त युवाओं के मन में अपने स्वराज पाने के लिए एक नया जोश भर दिया था। महान क्रांतिकारी बाल गंगाधर तिलक ने न सिर्फ एक सच्चे देश प्रेमी की तरह स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि उन्होंने समाज में फैली तमाम बुराईयों को दूर करने के भी प्रयास किए।

आपको बता दें कि वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी, बेहतर समाज सुधारक, एक आदर्शवादी राष्ट्रीय नेता, प्रख्यात वकील, प्रसिद्ध लेखक और महान विचारक होने के साथ-साथ भारतीय इतिहास, हिन्दू धर्म, संस्कृत, खगोल विज्ञान, गणित आदि विषयों के ज्ञाता भी थे। अर्थात लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे और कांग्रेस की उग्र विचारधारा के प्रवर्तक थे। उन्हें आधुनिक भारत का वास्तुकार भी कहा जाता है।
लोकमान्य तिलक का जीवन परिचय – Bal Gangadhar Tilak Biography in Hindi
लोकमान्य तिलक के बारे में – Lokmanya Tilak Information
in Hindi
पूरा नाम (Name) |
बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) |
जन्मतिथि (Birthday) |
23 जुलाई, 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र |
पिता का नाम (Father Name) |
गंगाधर तिलक |
माता का नाम (Mother Name) |
पार्वती बाई |
पत्नी का नाम (Wife Name) |
तापिबाई (सत्यभामा बाई) |
बच्चों के नाम (Children Name) |
रमा बाई वैद्य, पार्वती बाई केलकर, विश्वनाथ
बलवंत तिलक, रामभाऊ बलवंत तिलक, श्रीधर बलवंत तिलक और रमाबाई साणे |
शिक्षा (Education) |
बी.ए. एल.एल. बी |
पुरस्कार –उपाधि (Awards) |
‘लोकमान्य’ |
मृत्यु (Death) |
1 अगस्त, 1920, मुंबई, महाराष्ट्र |
बाल गंगाधर तिलक का जन्म, परिवार एवं
शुरुआती जीवन – Lokmanya Tilak Information in Hindi

बाल गंगाधर तिलक, 23 जुलाई, 1856 में
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक ब्राह्मण परिवार में जन्में थे। इनके पिता का नाम
गंगाधर तिलक था, जो कि रत्नागिरी में एक संस्कृत के प्रख्यात शिक्षक थे।
बाल गंगाधर तिलक की शिक्षा – Lokmanya Bal Gangadhar
Tilak Education
बाल गंगाधर तिलक बचपन से ही बेहद तेज बुद्धि के एक प्रतिभावान छात्र
थे, गणित,
उनका
शुरुआत से ही पसंदीदा विषय था। आपको बता दें कि उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने
पिता जी से घर पर ही हासिल की थी।
बाल गंगाधर तिलक का करियर – Lokmanya Tilak Career
शिक्षक के रुप में बाल गंगाधर तिलक की भूमिका:
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बाल गंगाधर तिलक, पुणे
के एक निजी स्कूल में गणित और इंग्लिश के शिक्षक बन गए।
डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना – Deccan Education Society
भारतीय छात्रों के बीच राष्ट्रवादी शिक्षा को प्रेरित करने,
देश
के युवाओं को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करने और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के
उद्देश्य से बाल गंगाधर तिलक ने अपने कॉलेज के बैचमेट्स और महान समाज सुधारक गोपाल
गणेश आगरकर और विष्णु शास्त्री चिपुलंकर के साथ मिलकर ‘डेक्कन
एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना की।
‘केसरी’ और ‘मराठा’
का
प्रकाशन – Publication of ‘Kesari’ and ‘Maratha’
बाल गंगाधर तिलक का राजनैतिक सफर – Political Career of Lokmanya Bal Gangadhar Tilak
इंडियन नेशनल कांग्रेस – Indian National Congress
बाल गंगाधर तिलक की जेल यात्रा –
होम रुल लीग की स्थापना – Home Rule League
समाज सुधारक के रुप में बाल गंगाधर तिलक के काम:
बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु – Bal Gangadhar Tilak Death
जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना का बाल गंगाधर तिलक जी पर
गहरा असर पड़ा था, इसके बाद उनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा, और बाद में
वे मधुमेह की बीमारी की चपेट में आ गए जिससे, उनकी हालत
बेहद खराब होती चली गई।
लोकमान्य तिलक जी के सम्मान में स्मारक –
एक नजर में लोकमान्य तिलक के मुख्य कार्य – Bal Gangadhar Tilak Information
- 1880
में पुणे में न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना।
- 1881
में जनजागरण के लिए ‘केसरी’ मराठी
और ‘मराठा’ इंग्रेजी ऐसे दो अखबारों की
शुरुवात की। आगरकर केसरी के और तिलक मराठा के संपादक बने।
- 1884
में पुणे में डेक्कन एज्युकेशन सोसायटी की स्थापना।
- 1885
में पुणे में फर्ग्युसन कॉलेज शुरू किया गया।
- 1893
में ‘ओरायन’ नाम के किताब का प्रकाशन।
- लोकमान्य
तिलक ने लोगों मे एकता की भावना निर्माण करने के लिए ‘सार्वजानिक
गणेश उत्सव’ और ‘शिव जयंती उत्सव’ शुरू
किया।
- 1895
में मुम्बई प्रांतीय विनियमन बोर्ड के सभासद इसलिए चुना गया।
- 1897
में लोकमान्य तिलक पर राजद्रोह का आरोप लगाकर उन्हें डेढ़ साल की सजा सुनाई
गयी। उस समय तिलक ने अपने बचाव में जो भाषण दिया था वह4 दिन और
21 घंटे चला था।
- 1903
में ‘दि आर्क्टिक होम इन द वेदाज’ नाम के
किताब का प्रकाशन।
- 1907
में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सूरत के अधिवेशन में जहाल और मवाल इन दो
समूह का संघर्ष बहोत बढ़ गया था। इसका परिणाम मवाल समूह ने जहाल समूह को
कांग्रेस संघटने से निकाल दिया। जहाल का नेतृत्व लोकमान्य तिलक इनके पास था।
- 1908
में तिलक इनपर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ। उसमे उनको छः साल की सजा सुनाई गई
और उन्हें ब्रम्हदेश के मंडाले के जेल में भेज दिया गया। मंडाले के जेल में
उन्होंने ‘गीतारहस्य’ नाम का अमर ग्रन्थ लिखा।
- 1916
में उन्होंने डॉ. एनी बेसेंट इनके सहकार्य से ‘होमरूल
लीग’ संघटना की स्थापना की। होमरूल यानि अपने राज्य का प्रशासक
हम करे। जिसे ‘स्वशासन’ भी कहते है।
- हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना चाहियें इस बात को सबसे पहले तिलक ने ही रखा था।
बाल गंगाधर तिलक की किताबें – Bal Gangadhar Tilak Books
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के जनक कहे जाने वाले बाल गंगाधर
तिलक ने भारतीय इतिहास, हिन्दू धर्म और संस्कृति पर कई किताबें
लिखीं। आपको बता दें कि उन्होंने साल 1893 में वेदों के ओरियन एवं शोध के
बारे में एक पुस्तक लिखी, वहीं उन्होंने जेल के दौरान उन्होंने
श्रीमदभगवत गीता रहस्य नामक किताब भी लिखी।
जीवन परिचय
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