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गांधी जयंती 2020: गांधी दर्शन से संबंधित 10 मुख्य बातें Gandhi Jayanti 2020: 10 main things related to Gandhi Darshan

गांधी जयंती 2020: गांधी दर्शन से संबंधित 10 मुख्य बातें
Gandhi Jayanti 2020: 10 main things related to Gandhi Darshan


विश्व भर में 02 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है. यह दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है. महात्मा गांधी का शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

 


पूरा देश 02 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती का जश्न मना रहा है. उन्होंने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके जन्मदिवस पर उन्हें नमन किया है और देशवासियं को उनके सत्य और अहिंसा के पग पर चलने का दोबारा संकल्प लेने को कहा है. ( Gyani kida 5G )

 

वहीं प्रधानमंत्री ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान यहां पर जयंती के अवसर पर भजन का भी आयोजन किया गया. महात्मा गांधी की 151वीं जन्म शताब्दी पर देश और दुनिया भर में कई तरह के कार्यक्रम प्रसारित किये जा रहे है. इस दौरान महात्मा गांधी के जीवन से लेकर उनके सामाजिक तथा राजनीतिक जीवन के प्रत्येक छोटे-बड़े किस्से को याद किया जा रहा है.

 

महात्मा गांधी के भारत की आजादी में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है. महात्मा गांधी अपने सादा-जीवन तथा उच्च विचारों के चलते प्यार से भारतीयों के बापू बन गये थे. विश्व को महात्मा गांधी ने ही सत्य की शक्ति से परिचय करवाया था. महात्मा गांधी के सत्याग्रह के कारण से ही अंग्रेज भारत छोड़ने पर मजबूर हो गये थे.

 

विश्व भर में 02 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है. यह दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है. महात्मा गांधी का शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने आजीवन स्वास्थ्य की चिंता की तथा उसके लिए तरह-तरह की चिंताओं का अवलंबन भी किया.

 

गांधी दर्शन से संबंधित 10 मुख्य बातें

महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है.

महात्मा गांधी का व्यक्तित्व तथा कृतित्व आदर्शवादी रहा है. उनका आचरण प्रयोजनवादी विचारधारा से मिलता-जुलता था.

उन्हें संसार के अधिकांश लोग महान राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में जानते हैं. पर उनका यह मानना था कि सामाजिक उन्नति के लिए शिक्षा का एक अहम योगदान होता है.

राजवैद्य जीवराम कालिदास ने गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले साल 1915 में संबोधित किया था.

महात्मा गांधी ने आजादी के लिए संघर्ष के दौरान करीब 17 बार उपवास रखा और उनका सबसे लंबा उपवास 21 दिन का था.

सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को 06 जुलाई 1944 को रेडियो रंगून से 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था.

महात्मा गांधी कहते थे की अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत हैं. यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से भी बहुत अधिक शक्तिशाली हैं.

महात्मा गांधी ने सबसे पहले प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों हेतु संघर्ष के लिए सत्याग्रह करना शुरू किया था.

उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में साल 1930 में नमक सत्याग्रह तथा इसके बाद साल 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की थी.

उन्होंने सभी परिस्थितियों में अहिंसा तथा सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी करते थे. उन्होंने परम्परागत भारतीय पोशाक धोती और सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे.

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